Movie/Album: कुँवारा बदन (1973)
Music By: घनश्याम वसवानी
Lyrics By: राजेन्द्र कृष्ण
Performed By: आशा भोंसले
हाथों में मेहँदी रचाई जाएगी
माथे पे बिंदिया सजाई जाएगी
राजा के सहरे से, रानी के घूँघट की
आज रात जोड़ी मिलाई जाएगी
अँखियों में खेल रही आशा मिलन की
बरसों से आस थी जिया को इसी दिन की
दिल की मुराद पाई, आई वो घड़ी आई
डोली दुल्हन की उठाई जाएगी
हाथों में मेहँदी रचाई...
फूलों की सेज पर सजना से मेल होगा
सोचो ज़रा गोरी कैसा प्यार भरा खेल होगा
झूमेंगी तन की कलियाँ
महकेंगी मन की गलियाँ
नजरिया न पिया से मिलाई जाएगी
हाथों में मेहँदी रचाई...
बाबुल का घर छूट रहा है
कैसा बंधन टूट रहा है
गोदी में खिलाया जिसने
डोली में बिठाया उसने
जो अपनी सी हो के, पराई जाएगी
हाथों में मेहँदी रचाई...
Music By: घनश्याम वसवानी
Lyrics By: राजेन्द्र कृष्ण
Performed By: आशा भोंसले
हाथों में मेहँदी रचाई जाएगी
माथे पे बिंदिया सजाई जाएगी
राजा के सहरे से, रानी के घूँघट की
आज रात जोड़ी मिलाई जाएगी
अँखियों में खेल रही आशा मिलन की
बरसों से आस थी जिया को इसी दिन की
दिल की मुराद पाई, आई वो घड़ी आई
डोली दुल्हन की उठाई जाएगी
हाथों में मेहँदी रचाई...
फूलों की सेज पर सजना से मेल होगा
सोचो ज़रा गोरी कैसा प्यार भरा खेल होगा
झूमेंगी तन की कलियाँ
महकेंगी मन की गलियाँ
नजरिया न पिया से मिलाई जाएगी
हाथों में मेहँदी रचाई...
बाबुल का घर छूट रहा है
कैसा बंधन टूट रहा है
गोदी में खिलाया जिसने
डोली में बिठाया उसने
जो अपनी सी हो के, पराई जाएगी
हाथों में मेहँदी रचाई...
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