ज़रूरत है, ज़रूरत है - Zarurat Hai, Zarurat Hai (Kishore Kumar, Man Mauji)

Movie/Album: मन मौजी (1962)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: राजिंदर कृषण
Performed By: किशोर कुमार

ज़रूरत है, ज़रूरत है, सख़्त ज़रूरत है!
ज़रूरत है, ज़रूरत है, ज़रूरत है
एक श्रीमती की
कलावती की
सेवा करे जो पति की
ज़रूरत है, ज़रूरत है, ज़रूरत है

हसीं हज़ारों भी हों खड़े, मगर उसी पर नज़र पड़े
हो ज़ुल्फ़ गालों पे खेलती, के जैसे दिन रात से लड़े
अदाओं में बहार हो, निगाहों पे खुमार हो
क़ुबूल मेरा प्यार हो
तो क्या बात है
ज़रूरत है, ज़रूरत है, ज़रूरत है...

इतर में सांसें बसी-बसी, वो मस्तियों में रसी-रसी
ज़रा सी पलकें झुकीं-झुकीं, भवें घनेरी कसी-कसी
फूलों में गुलाब हो, ख़ुद अपना जवाब हो
वो प्यार की किताब हो
तो क्या बात है
ज़रूरत है, ज़रूरत है, ज़रूरत है...

झटक के गेसू जहाँ चले, तो साथ में आसमाँ चले
लिपट के कितने भी पाँव से, ये पूछते हो कहाँ चले
प्यार से जो काम ले, हँस के सलाम ले
वो हाथ मेरा थम ले
तो क्या बात है
ज़रूरत है, ज़रूरत है, ज़रूरत है...

5 comments :

  1. one of the very best, dedicating to samsam

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  2. राजेन्द्र कृष्ण जी ने बहुत खूबसूरत रचना इस गीत के माध्यम से की है उस पर किशोर दा का नैसर्गिक अभिनय और शोख़ अदा साधना क्या कहने इस सदाबहार गीत के ।

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  3. Kya nayab moti the undino me. Kahan gaye we log?

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