रुक जाना नहीं - Ruk Jaana Nahin (Kishore Kumar, Imtihan)

Movie/Album: इम्तिहान (1974)
Music By: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: किशोर कुमार

रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चल के मिलेंगे साये बहार के
ओ राही, ओ राही

सूरज देख रुक गया है
तेरे आगे झुक गया है
जब कभी ऐसे कोई मस्ताना
निकले है अपनी धुन में दीवाना
शाम सुहानी बन जाते हैं दिन इंतज़ार के
ओ राही, ओ राही...

साथी न कारवां है
ये तेरा इम्तिहां है
यूँ ही चला चल दिल के सहारे
करती है मंज़िल तुझको इशारे
देख कहीं कोई रोक नहीं ले तुझको पुकार के
ओ राही, ओ राही...

नैन आँसू जो लिये हैं
ये राहों के दीये हैं
लोगों को उनका सब कुछ दे के
तू तो चला था सपने ही ले के
कोई नहीं तो तेरे अपने हैं सपने ये प्यार के
ओ राही, ओ राही...

7 comments :

  1. Grand Salute to majruhji,kishorda and L-P.

    ReplyDelete
  2. Very nice lyrics, inspirational to get courage. Do visit greatchords.com for Guitar chords and tabs for same song.

    www.greatchords.com

    ReplyDelete
  3. Kabhi himmat mat haaro
    Kishore da aap bhulaye nahin bhulate

    ReplyDelete
  4. गुलज़ार का लिखा हुआ गाना है ये, मज़रूह का नहीं

    ReplyDelete
  5. गलतफहमी हो गई थी, मैं इसे गुलज़ार का लिखा हुआ समझता था। लेकिन मेरा पसन्दीदा गीत है ये।

    ReplyDelete
  6. It's very nice song by Kishore da which inspire us very much

    ReplyDelete

यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...