ना तो कारवां की तलाश है - Na To Karvaan Ki Talaash Hai (Manna Dey, Md.Rafi, Asha Bhosle, Sudha Malhotra, Barsaat Ki Raat)

Movie/Album: बरसात की रात (1960)
Music By: रोशन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मो.रफी, मन्ना डे, बतिश, आशा भोंसले, सुधा मल्होत्रा

ना तो कारवां की तलाश है, ना तो हमसफ़र की तलाश है
मेरे शौक़-ए-खाना ख़राब को, तेरी रहगुज़र की तलाश है

मेरे नामुराद जनून का, (अब) है इलाज कोई तो मौत है
जो दवा के नाम पे ज़हर दे, उसी चारागार की तलाश है

तेरा इश्क है मेरी आरज़ू, तेरा इश्क है मेरी आबरू
दिल इश्क जिस्म इश्क है और जान इश्क है
ईमान की जो पूछो तो ईमान इश्क है
तेरा इश्क है मेरी आबरू
तेरा इश्क मैं कैसे छोड़ दूँ, तेरा इश्क मैं कैसे छोड़ दूँ
मेरी उम्र भर की तलाश है
तेरा इश्क मैं कैसे छोड़ दूँ...

ये इश्क इश्क है इश्क इश्क, ये इश्क इश्क है इश्क इश्क
ये इश्क इश्क है इश्क इश्क
जाँ-सोज़ की हालत को, जाँ-सोज़ ही समझेगा
मैं शमा से कहता हूँ, महफ़िल से नहीं कहता, क्योंकि
ये इश्क इश्क है इश्क इश्क, ये इश्क इश्क है इश्क इश्क

सहर तक सबका है अंजाम जल कर ख़ाक हो जाना
भरी महफ़िल में कोई शमा या परवाना हो जाए, क्योंकि
ये इश्क इश्क है इश्क इश्क, ये इश्क इश्क है इश्क इश्क
ये इश्क इश्क है इश्क इश्क...

वहशत-ए-दिल रस्म-ओ-दार से रोकी ना गई
किसी खंजर, किसी तलवार से रोकी ना गई
इश्क मजनू की वो आवाज़ है, जिसके आगे
कोई लैला किसी दीवार से रोकी ना गई, क्योंकि
ये इश्क इश्क है इश्क इश्क, ये इश्क इश्क है इश्क इश्क

वो हँस के अगर मांगे तो हम जान भी दे दें
हाँ ये जान तो क्या चीज़ है, ईमान भी दे दें, क्योंकि
ये इश्क इश्क है इश्क इश्क, ये इश्क इश्क है इश्क इश्क

नाज़-ओ-अंदाज़ से कहते हैं कि जीना होगा
ज़हर भी देते हैं तो कहते हैं कि पीना होगा
जब मैं पीता हूँ तो कहते हैं कि मरता भी नहीं
जब मैं मरता हूँ तो कहते हैं कि जीना होगा
ये इश्क इश्क है इश्क इश्क, ये इश्क इश्क है इश्क इश्क

मज़हब-ए-इश्क की हर रस्म कड़ी होती है
हर कदम पर कोई दीवार खड़ी होती है
इश्क आज़ाद है, हिंदू ना मुसलमान है इश्क
आप ही धर्म है और आप ही ईमान है इश्क
जिससे आगाह नहीं शेख-ओ-बरहामन (ब्राह्मण) दोनों
उस हक़ीक़त का गरजता हुआ ऐलान है इश्क

इश्क ना पुच्छे दीन धर्म नु, इश्क ना पुच्छे ज़ातां
इश्क दे हाथों गरम लहू विच, डूबियाँ लाख बराताँ, के ऐंवे इश्क
ये इश्क इश्क है इश्क इश्क, ये इश्क इश्क है इश्क इश्क

राह उल्फ़त की कठिन है इसे आसाँ न समझ, क्योंकि
ये इश्क इश्क है इश्क इश्क, ये इश्क इश्क है इश्क इश्क

बहुत कठिन है, डगर पनघट की
अब क्या भर लाऊँ मैं जमुना से मटकी
मैं जो चली जल जमुना भरन को
देखो सखी री मैं जो चली जल जमुना भरन को
नंद को छोरो मोहे रोके झाड़ो तो
क्या भर लाऊँ मैं जमुना से मटकी
अब लाज राखो मोरे घूंघट पट की

जब-जब कृष्ण की बंसी बाजी, निकली राधा सज के
जान अजान का ध्यान भुला के, लोक लाज को तज के
बन-बन डोली जनक दुलारी, पहन के प्रेम की माला
दर्शन जल की प्यासी मीरा पी गई विष का प्याला
और फिर अरज करी के
लाज राखो राखो राखो, लाज राखो देखो देखो
ये इश्क इश्क है इश्क इश्क, ये इश्क इश्क है इश्क इश्क

अल्लाह-ओ-रसूल का फ़रमान इश्क है
यानि हदीस इश्क है, कुरान इश्क है
गौतम का और मसीह का अरमान इश्क है
ये कायनात जिस्म है और जान इश्क है
इश्क सरमद, इश्क ही मंसूर है
इश्क मूसा, इश्क कोहेतूर है
खाक को बुत, और बुत को देवता करता है इश्क
इन्तिहाँ ये है कि बन्दे को खुदा करता है इश्क

हाँ इश्क इश्क तेरा इश्क इश्क

11 comments :

  1. Our great Sahir jee and always typical great Roshan jee,What a fine composition of 1960..also enjoying in 2017..super

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  2. Wowwwww. .. thanks for lyrics of this ultimate golden song

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  3. Superb
    Taareef Karne k liye mere pass shabd nahi hai
    Lajawab hona shayad isi ko khetai hai

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  4. Immortal song immortal lyric, music popularity of this can't be faded even after 57 years and loved by all generations really marvelous work

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  5. Great composition of lyrics and
    music....! evergreen kawwali..!
    Congrats to lyricist Sahir,
    MD.Roshan and singers- manna daa,
    Asha Bhosle, Sudha Malhotra and
    chorus....!!

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    1. You forgot to mention Rafi Sahab main singer.

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  6. it should be इशक न पुछे दीन धरम नू as Sudha sings in Punjabi
    in last line it should be इनतेहां instead of इमतेहान
    every line is a scorcher and it is necessary to Google each word...
    for example what he means by Kohinoor is not the Diamond....

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  7. Thanks 4 this great song.
    I revised it for all errors.
    ना तो कारवां की तलाश है, ना तो हमसफ़र की तलाश है
    मेरे शौक़-ऐ-खाना ख़राब को, तेरी रहगुज़र की तलाश है

    मेरे नामुराद जूनून का कोई इलाज है तो मौत है
    जो दवा के नाम पे ज़हर दे उसी चारागार की तलाश है

    तेरा इश्क है मेरी आरजू, तेरा इश्क है मेरी आबरू
    दिल इश्क जिस्म इश्क है और जान इश्क है
    ईमान की जो पूछो तो ईमान इश्क है
    तेरा इश्क है मेरी आरजू, तेरा इश्क है मेरी आबरू
    तेरा इश्क मैं कैसे छोड़ दूँ, मेरी उम्र भर की तलाश है

    जांसोज़ की हालत को जांसोज़ ही समझेगा
    मैं शमा से कहता हूँ महफिल से नहीं कहता क्योंकि
    ये इश्क इश्क है इश्क इश्क, ये इश्क इश्क है इश्क इश्क

    सहर तक सबका है अंजाम जल कर ख़ाक हो जाना
    भरी महफिल में कोई शमा या परवाना हो जाए क्योंकि
    ये इश्क इश्क है इश्क इश्क, ये इश्क इश्क है इश्क इश्क

    वहशत-ऐ-दिल रस्म-ओ-दार से रोकी न गई
    किसी खंजर, किसी तलवार से रोकी न गई
    इश्क मजनू की वो आवाज़ है जिसके आगे
    कोई लैला किसी दीवार से रोकी ना गई, क्योंकि
    ये इश्क इश्क है इश्क इश्क, ये इश्क इश्क है इश्क इश्क

    वो हंसके अगर मांगे तो हम जान भी दे दें,
    हाँ ये जान तो क्या चीज़ है ईमान भी दे दें क्योंकि
    ये इश्क इश्क है इश्क इश्क, ये इश्क इश्क है इश्क इश्क

    नाज़-ओ-अंदाज़ से कहते हैं कि जीना होगा
    ज़हर भी देते हैं तो कहते हैं कि पीना होगा
    जब मैं पीता हूँ तो कहते हैं कि मरता भी नहीं
    जब मैं मरता हूँ तो कहते हैं कि जीना होगा
    ये इश्क इश्क है इश्क इश्क, ये इश्क इश्क है इश्क इश्क

    मज़हब-ऐ-इश्क की हर रस्म बड़ी होती है
    हर कदम पर कोई दीवार खड़ी होती है
    इश्क आजाद है, हिंदू ना मुसलमान है इश्क
    आप ही धर्म है और आप ही ईमान है इश्क
    जिससे आगाह नहीं शेख-ओ-बरहमन दोनों,
    उस हकीकत का गरजता हुआ ऐलान है इश्क

    इश्क ना पुचछे दीन धरम नु, इश्क ना पूछे जातां
    इश्क दे हाथों गरम लहू विच, डूबियाँ लाख बराताँ के आगे
    ये इश्क इश्क है इश्क इश्क, ये इश्क इश्क है इश्क इश्क

    राह उल्फत की कठिन है इसे आसान ना समझ क्योंकि
    ये इश्क इश्क है इश्क इश्क, ये इश्क इश्क है इश्क इश्क

    बहुत कठिन है डगर पनघट की
    अब क्या भर लाऊं मैं जमुना से मटकी
    मैं जो चली जल जमुना भरन को
    देखो सखी री मैं जो चली जल जमुना भरन को
    नंदकिशोर मोहे रोके झाडों तो
    क्या भर लाऊं में जमुना से मटकी
    अब लाज राखो मोरे घूंघट पट की

    जब जब कृष्ण की बंसी बाजी, निकली राधा सज के
    जान अजान का ध्यान भुला के, लोक लाज को तज के
    बन-बन डोली जनक दुलारी, पहन के प्रेम की माला
    दर्शन जल की प्यासी मीरा पी गई विष का प्याला
    और फिर अरज करी के
    लाज राखो राखो राखो, लाज राखो देखो देखो,
    ये इश्क इश्क है इश्क इश्क, ये इश्क इश्क है इश्क इश्क

    अल्लाह और रसूल का फरमान इश्क है
    यानी हदीस इश्क है, कुरान इश्क है
    गौतम का और मसीह का अरमान इश्क है
    ये कायनात जिस्म है और जान इश्क है
    इश्क सरमद, इश्क ही मंसूर है
    इश्क मूसा, इश्क कोहि तूर है
    खाक को बुत, और बुत को देवता करता है इश्क
    इन्तहा ये है कि बन्दे को खुदा करता है इश्क

    हाँ इश्क इश्क तेरा इश्क इश्क

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    1. बहुत धन्यवाद, उचित सुधार कर दिए गए हैं।

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  8. ना तो कारवाँ की तलाश है, ना तो हमसफ़र की तलाश है
    मेरे शौक़-ए-ख़ाना-ख़राब को, तेरी रहगुज़र की तलाश है

    मेरे नामुराद जनून का, है इलाज कोई तो मौत है
    जो दवा के नाम पे ज़हर दे, उसी चारागर की तलाश है

    तेरा इश्क़ है मेरी आरज़ू, तेरा इश्क़ है मेरी आबरू
    दिल इश्क़ जिस्म इश्क़ है और जान इश्क़ है
    ईमान की जो पूछो तो ईमान इश्क़ है
    तेरा इश्क़ है मेरी आबरू
    तेरा इश्क़ मैं कैसे छोड़ दूँ, तेरा इश्क़ मैं कैसे छोड़ दूँ
    मेरी उम्र भर की तलाश है
    तेरा इश्क़ मैं कैसे छोड़ दूँ...

    ये इश्क़ इश्क़ है इश्क़ इश्क़, ये इश्क़ इश्क़ है इश्क़ इश्क़
    ये इश्क़ इश्क़ है इश्क़ इश्क़
    जाँ-सोज़ की हालत को, जाँ-सोज़ ही समझेगा
    मैं शमअ' से कहता हूँ, महफ़िल से नहीं कहता, क्यूँकि
    ये इश्क़ इश्क़ है इश्क़ इश्क़, ये इश्क़ इश्क़ है इश्क़ इश्क़

    सहर तक सबका है अंजाम जल कर ख़ाक हो जाना
    भरी महफ़िल में कोई शमअ' या परवाना हो जाए, क्यूँकि
    ये इश्क़ इश्क़ है इश्क़ इश्क़, ये इश्क़ इश्क़ है इश्क़ इश्क़
    ये इश्क़ इश्क़ है इश्क़ इश्क़...

    वहशत-ए-दिल रसन-ओ-दार से रोकी ना गई
    किसी खंजर, किसी तलवार से रोकी ना गई
    इश्क़ मजनूँ की वो आवाज़ है, जिसके आगे
    कोई लैला किसी दीवार से रोकी ना गई, क्यूँकि
    ये इश्क़ इश्क़ है इश्क़ इश्क़, ये इश्क़ इश्क़ है इश्क़ इश्क़

    वो हँस के अगर माँगें तो हम जान भी दे दें
    हाँ ये जान तो क्या चीज़ है, ईमान भी दे दें, क्यूँकि
    ये इश्क़ इश्क़ है इश्क़ इश्क़, ये इश्क़ इश्क़ है इश्क़ इश्क़

    नाज़-ओ-अंदाज़ से कहते हैं कि जीना होगा
    ज़हर भी देते हैं तो कहते हैं कि पीना होगा
    जब मैं पीता हूँ तो कहते हैं कि मरता भी नहीं
    जब मैं मरता हूँ तो कहते हैं कि जीना होगा
    ये इश्क़ इश्क़ है इश्क़ इश्क़, ये इश्क़ इश्क़ है इश्क़ इश्क़

    मज़हब-ए-इश्क़ की हर रस्म कड़ी होती है
    हर क़दम पर कोई दीवार खड़ी होती है
    इश्क़ आज़ाद है, हिंदू ना मुसलमान है इश्क़
    आप ही धर्म है और आप ही ईमान है इश्क़
    जिससे आगाह नहीं शेख़-ओ-बरहामन दोनों
    उस हक़ीक़त का गरजता हुआ ऐलान है इश्क़

    इश्क़ ना पुच्छे दीन धर्म नूँ, इश्क ना पुच्छे ज़ाताँ
    इश्क़ दे हत्थों गरम लहू विच, डुबियाँ लक्ख बराताँ, के ऐ वे इश्क़
    ये इश्क़ इश्क़ है इश्क़ इश्क़, ये इश्क़ इश्क़ है इश्क़ इश्क़

    राह उल्फ़त की कठिन है इसे आसाँ न समझ, क्यूँकि
    ये इश्क़ इश्क़ है इश्क़ इश्क़, ये इश्क़ इश्क़ है इश्क़ इश्क़

    बहुत कठिन है, डगर पनघट की
    अब क्या भर लाऊँ मैं जमुना से मटकी
    मैं जो चली जल जमुना भरन को
    देखो सखी री मैं जो चली जल जमुना भरन को
    नंद को छोरो मोहे रोके झाड़ो तो
    क्या भर लाऊँ मैं जमुना से मटकी
    अब लाज राखो मोरे घूँघट पट की

    जब-जब कृष्ण की बंसी बाजी, निकली राधा सज के
    जान अजान का ध्यान भुला के, लोक लाज को तज के
    बन-बन डोली जनक दुलारी, पहन के प्रेम की माला
    दर्शन जल की प्यासी मीरा पी गई विष का प्याला
    और फिर अरज करी के
    लाज राखो राखो राखो, लाज राखो देखो देखो
    ये इश्क़ इश्क़ है इश्क़ इश्क़, ये इश्क़ इश्क़ है इश्क़ इश्क़

    अल्लाह-ओ-रसूल का फ़रमान इश्क़ है
    यानी हदीस इश्क़ है, कुर'आन इश्क़ है
    गौतम का और मसीह का अरमान इश्क़ है
    ये क़ायनात जिस्म है और जान इश्क़ है
    इश्क़ सरमद, इश्क़ ही मंसूर है
    इश्क़ मूसा, इश्क़ कोह-ए-तूर है
    ख़ाक को बुत, और बुत को देवता करता है इश्क़
    इन्तिहा ये है कि बन्दे को ख़ुदा करता है इश्क़

    हाँ इश्क़ इश्क़ तेरा इश्क़ इश्क़

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  9. यह संगीत की गीता की भांति है।
    इस कव्वाली में सब निहित है

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